छठ महापर्व सूर्य पूजा का अनूठा संगम

By Bharat Israni

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छठ महापर्व भारतीय हिन्दू समुदाय में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल,छत्तीसगढ़, और उत्तराखंड के क्षेत्रों में विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से सूर्य भगवान की पूजा के लिए मनाया जाता है और इसमें विशेष पूजा-अर्चना, व्रत, और दीन-दयालुता के रूप में विभिन्न परंपराएं शामिल हैं।

छठ महापर्व का आयोजन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। यह पर्व विशेष रूप से नदी तटों पर, झीलों के किनारों पर, और सूर्य मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है।

छठ महापर्व का प्रमुख आयोजन बिहार के गाँवों और शहरों में होता है, जहां लोग खुले आसमान के नीचे सूर्योदय और सूर्यास्त के समय विशेष पूजा करते हैं। छठी माँ को श्रद्धाभाव से पुकारते हैं और उनके आशीर्वाद का प्राप्ति करने के लिए व्रत रखते हैं।

इस पर्व के दौरान, समुद्र तटों और झीलों के किनारों पर विशेष घाट बनाए जाते हैं, जहां लोग सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अपनी पूजा-अर्चना करते हैं। व्रती व्रत के दौरान केवल खाद्य संबंधित अन्न का सेवन करते हैं और विशेष प्रशाद को सूर्य भगवान को अर्पित करते हैं।

छठ पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा गीत और नृत्य है, जिसमें स्थानीय लोक संगीत के साथ सूर्य भगवान की स्तुति किया जाता है। इसके अलावा, पर्व के दौरान बाजारों में खुले विभिन्न प्रकार के विभिन्न सामान बिकते हैं और लोग आपसी मित्रता और आत्मगति के साथ मिलते हैं।

छठ महापर्व एक ऐसा अवसर है जब लोग अपने परिवार के साथ आत्मिक संबंधों को मजबूती से बनाए रखते हैं और सूर्य भगवान की पूजा के माध्यम से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं

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