छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का जीवन परिचय उनके राजनैतिक जीवन की शुरुआत

By Bharat Israni

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भूपेश बघेल जी का जीवन

छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी का जन्म 23 अगस्त 1961 को  खुद्मुदी गांव के पैजीपारा पाटन छत्तीसगढ़ में हुआ उनके पिता का नाम नंद कुमार बघेल  है और माता का नाम बिंदेश्‍वरी बघेल था  और उनकी धर्म पत्नी  मुक्तेश्वरी बघेल है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी  की चार संतान है जिसमें 3 लड़कियां और 1 लड़का है उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा  पाटन से पुरी की और उच्च  शिक्षा रायपुर  के सांइस कालेज से पुरी की।

राजनीति  की शुरुआत

राजनीति में उनका सबसे  पहला कदम समाजवादी पार्टी से प्रारम्भ हुआ लेकिन वे बाद में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए उन्होंने 80 के दशक में यूथ कांग्रेस के साथ अपनी  कांग्रेस की सियासी पारी शुरू की थी।  पार्टी द्वारा उनकी महत्वकांक्षा को देखते हुए उन्हें पार्टी द्वारा कई बड़ी जिम्मेदारियों से संबोधित किया गया वे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहें वे पांच बार पाटन से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं

संकट भारी जिंदगी में दृढ़ निष्ठा

भूपेश बघेल ने अपनी जिंदगी में कई संकट भरी स्थितियों का सामना किया जिससे उनकी पूरी कुशलता और दृढ़ निष्ठा का परिचय मिला कांग्रेस के नेतृत्व में उन्हेंने प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भूपेश बघेल ने भारतीय युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य बने, वे महासचिव और प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यक्रम समन्वयक भी थे। वह 1993 में पहली बार पाटन से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए, और बाद में उसी सीट से पांच बार चुने गए।

विधायक बनाने से मुख्यमंत्री बनने की यात्रा

1990 से 1994 तक वह जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के अध्यक्ष रहे। 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के निदेशक रहे।

वह नब्बे के दशक के अंत में दिग्विजय सिंह सरकार में अविभाजित मध्य प्रदेश में कैबिनेट मंत्री थे। वे छत्तीसगढ़ के राजस्व, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग और राहत कार्य मंत्री थे।

नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद, वे छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने, और छत्तीसगढ़ शासन के तहत मंत्री, राजस्व पुनर्वास, राहत कार्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य यांत्रिकी के रूप में नियुक्त किए गए। वे उसी सीट से 2003 के राज्य चुनाव में फिर से विधायक बने। वह 2008 के चुनाव में पाटन विधानसभा सीट हारे। 2009 में रायपुर से संसदीय चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

उन्होंने 2013 के चुनाव में फिर से पाटन विधानसभा सीट जीता, और छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्य समिति के सदस्य बने। 2014-15 में वह लोक लेखा समिति लोक लेखा समिति, छत्तीसगढ़ शासन के सदस्य बने 
2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला, और भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे  मुख्यमंत्री पद की शपथ ली उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पुनर्स्थापित होकर विकास और सामाजिक न्याय के उद्देश्यों को साकार किया।

मुख्यमंत्री बनने के बाद,भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के विकास में योगदान दिया, जिसमें कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि शामिल हैं।उनकी सरकार ने आर्थिक समर्थ, किसान हित में सुधार, और सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में काई योजनाएं शुरू कीं।

नैतिक मूलों पर पक्षधर्म

भूपेश बघेल ने नैतिक मूल्यों के साथ न्याय और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देने का पक्षधर लिया है, जिसका परिणम रहा है छत्तीसगढ़ के विकास में प्रगति।
भूपेश बघेल का जीवन पथ उनकी संघर्ष भरी यात्रा और नैतिक निष्ठा को दर्शाता है, जिसमें वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में एक संवेदनाशील नेता बन चुके हैं।

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