गंगरेल बंध (Gangrel Dam)घमतरी छत्तीसगढ़

By Bharat Israni

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गंगरेल बांध को रविशंकर बांध भी कहा जाता है। धमतरी जिले में यह स्थान पर्यटकों के लिए काफी प्रसिद्ध स्थानो में से एक है।धमतरी से लगभग 17 किमी और रायपुर से लगभग 90 किमी की दुरी पर स्थित है यह बांध महानदी नामक नदी की चौड़ाई के साथ बनाया गया है। बांध की दूरी 15 किलोमीटर है. यहां 10 एमवी क्षमता की गैंगरेल हाइडल पावर प्रोजेक्ट नाम से एक हाइडल पावर प्रोजेक्ट से विकसित किया गया है। पड़ोसी क्षेत्र के लिए बिजली का उत्पादन गंगरेल बांध से किया जाता है।
गंगरेल बांध में 15 हजार क्यूसेक पानी भरा हुआ है । यह गंगरेल बांध भारत का सबसे बड़ा और सबसे लंबा बांध माना जाता है

भारत का एक प्रमुख डैम है जो भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के घमतरी जिले में स्थित है। यह डैम महानदी नदी के तट पर स्थित है और इसका मुख्य उद्देश्य जल आपूर्ति, विद्युत उत्पादन, और सिंचाई करना है।निर्माण: गंगरेल बंध का निर्माण वषाॆ 1964 में पूरा हुआ था।स्थान: यह डैम छत्तीसगढ़ राज्य के घमतरी जिले के बिजापुर तहसील के गंगरेल गाँव के पास स्थित है।जल संचयन: गंगरेल डैम महानदी नदी के जल को संचित करने के लिए बनाया गया है। इससे कृषि और उद्योगों के लिए पानी की आपूर्ति होती है और सिंचाई के उद्देश्य से भी उपयोग किया जाता हैविद्युत उत्पादन: इस डैम पर हाइड्रोएलेक्ट्रिक पावर प्लांट भी स्थापित है, जिससे विद्युत उत्पादन किया जाता है।इस कार्य का शिलान्यास 5 मई 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। इस बांध की नींव बनाने का काम रेडियो हजरत नाम की कंपनी ने किया था ।इसके बाद सागर कंपनी तथा मित्तल एंड कंपनी के साथ ही कुछ अन्य छोटी बड़ी कंपनियों ने इस कार्य को पूरा किया।करीब 6 साल तक लगातार काम चलने के बाद 1978 में बांध बनकर तैयार हुआ। 32.150 टीएमसी क्षमता वाले इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र मीलों तक फैला हुआ है। इसमें धमतरी के अलावा बालोद व कांकेर जिले का भी बड़ा हिस्सा शामिल है।यह डैम छत्तीसगढ़ राज्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पानी के संचयन और क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा का स्रोत है। इसके अलावा, यह पर्यटन के लिए भी एक आकर्षक स्थल है जो प्राकृतिक औरआकर्षक स्थल है

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